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WHAT IS METABOLISM( मेटाबोलिज्म क्या है?)

  WHAT IS METABOLISM( मेटाबोलिज्म क्या है?)      मेटाबोलिज्म जीवित जीवो मे पाये जाने वाले सभी केमिकल रिएक्शन का योग हैं। जिसमे पाचन और विभिन्न सेल्स के बीच पदार्थो का ट्रांसपोर्टेशन शामिल हैं। मेटाबोलिज्म खाए गए भोजन को ऊर्जा मे बदलता है जो हमारे सोचने, चलने और बढने के लिए बेहद जरूरी हैं।  रिसर्च मे पता लगा कि मेटाबोलिज्म उम्र के साथ स्लो हो जाता हैं पर अगर आप इस बात को इस प्रकार ले रहे है कि आप इससे अनफिट होंगे तो शायद आप गलत है।  रिसर्च मे यह पता लगा है कि आपके मेटाबोलिज्म का कंट्रोल ज्यदातर आप हि के हाथ मे है और आप इसका कंट्रोल कभी भी ले सकते है जब रिसर्च करी गई तो उसमे देखा गया कि आपका मेटाबोलिज्म उम्र के साथ स्लो तो हो रहा है लेकिन ज्यदातर जो लोग ओवरवेट हो रहे है वो इस लिए हो रहे क्योकि उम्र के साथ उनकी फिजिकल ऐक्टिविटी कम होती जा रही है और उनका कैलोरी ईंटेक उतनी ही मात्रा मे चल रहा है। To वह समय के साथ वेट गेन करते चले जाते है पर अगर आप फिजिकल एक्टिव है प्रॉपर वर्कआउट करते है अपने डाइट को सही से कंट्रोल करते है तो आप को आपके मेटाबोलिज्म के बारे मे सोचने कि जरूरत नही है।  इसकी बहू

TOP - 3 FRUITS FOR FAT LOSS

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              TOP - 3 FRUITS FOR FAT LOSS जब हम फेट लॉस कि बात करते हैं तो कुल कैलोरी इनटेक मे कमी करनी चाहिए। जिससे फेट लॉस होगा ही पर वह भी मैक्रोस पर निर्भर करता हैं। कि कैलोरी किस फूड से कितनी आ रही हैं। फेट लॉस के लिए 3 fruis - (1) ORANGE -                                        फेट लॉस के दोरान यह आपकी डाइट मे होना चाहिए। ओरेंज मे कैलोरी कम होती है। इसमे विटामिन-c बहुत होता है। फेट लॉस के दोरान विटामिन-c कि बहुत जरूरत होती है। और विटामिन-c कि डेली आवश्यकता 80mg के लग भग होती है। 1- ओरेंज मे लग भग 70 - 80mg विटामिन-c होता है। विटामिन-c इम्यून सिस्टम को भी बूस्ट करता है। (2) APPLE -                                     एप्पल भी फेट लॉस के दोरान बहुत जरूरी होता है एप्पल मे  बहुत मात्रा मे फाइबर होता है। 100g. एप्पल मे 50-52g. कैलोरी होती है। एप्पल मे आयन और मिनरल भी होते है। आयन ब्लड सर्कुलेशन ठीक रखने मे मदद करता है। आयन ब्लड और सुगर लेवल भी बैलंस करता है। एप्पल मे एंटीआक्सीडेंट होते है जो इम्यून सिस्टम को प्रोटेक्ट करते है। और एप्पल मे विटामिन- B और c भ

Weight loss vs fat loss? (वेट लॉस या फेट लॉस) 

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Weight loss vs fat loss? (वेट लॉस या फेट लॉस)  वेट लॉस और फेट लॉस में से फेट लॉस, हेल्दी होता हैं। वेट लॉस या फेट लॉस करने के लिए बोहत से लोग खाना नही खाते या कम खाते है यह गलत हैं। इससे वेट/फेट लॉस नही होता हैं बल्कि वजन और बढने लगता हैं। इसके लिए हमे प्रॉपर डाइट लेना चाहिए। साथ हि वर्कआउट भी करना चाहिए।                वेट लॉस और फेट लॉस मे फेट लॉस, हेल्दी होता हैं।   वेट लॉस  और फेट लॉस मे से वेट लॉस तब करना चाहिए जब हमारा वजन बोहत अधिक हो जिससे हमारे शरीर मे पानी, फेट और मसल, लॉस होता हैँ। वेट लॉस करने मे हमारे शरीर से अधिक मात्रा मे पानी और मसल कम होता हैं। जिससे शरीर मे फेट कि मात्रा मे ज्यादा अंतर नही होता हैं। जिससे हम सिर्फ पतले होते है फिट नहीं। वेट लॉस करने के लिए लोग बोहत से तरीके अपनाते हैं।    जैसे - अधिक मात्रा में कार्डियो करना, या डाइट मे कार्ब या फेट की मात्रा बोहत कम कर देना, बॉडी को डिहाईड्रेड करना इन सब से हम पतले होते हैं फिट नहीं। फेट लॉस -                 अधिक कार्ब लेने से फेट जमा होता हैं। जब हम कार्ब लेते हैं तब हमरी बॉडी उसे ग्लूकोज मे ब्रेक

व्यायाम के लाभ ( BENIFITS OF FITNESS)

      व्यायाम के लाभ ( BENIFITS OF FITNESS)  1 - नियमित व्यायाम दिल कि बीमारी को रोकने में मदद करता हैं। 2 - नियमित व्यायाम करने से मोटापा कम होता हैं। और TYPE 2 DIABETES नियंत्रण मे रहता हैं। 3 - नियमित व्यायाम करने से मांसपेशियों की ताकत, कार्य छमता, लचिलपन मे वृद्धि होती हैं। 4 - नियमित व्यायाम पीठ दर्द, कमर दर्द को रोक सकता हैं। 5 - OSTEOPOROSIS, बढ़ती उम्र के साथ - साथ शरीर की हड्डियों का कलसीयम कम हो जाता हैं जिससे हड्डिया कमजोर होती हैं रेगुलर वेट ट्रेनिंग से हड्डियां मजबुत होती हैं 6 - नियमित व्यायाम करने से cortisol नामक स्ट्रेस हार्मोन मुक्त होता हैँ जिससे हमारी चिंता, तनाव, थकान सब दूर हो जाते हैं।            इसलिये हफ्ते में 5 - 7 दिन 30 - 60 मिनट अलग - अलग प्रकार के व्यायाम ( workout) करना जरूरी हैँ। 

फिटनेस क्या हैं?

फिटनेस क्या हैं?              यदी किसी व्यक्ती कि बॉडी वेल बिल्ड हो या मेन्टेन हो इससे हम यह नहीं कह सकते हैं की वह व्यक्ती पूरी तरह से फिट हैं। पूरी तरह से फिटनेस का मतबल आप आपके देनीक रूटीन में जो काम - काज करते हैं वह आप बिना थके कर सकें और ज्यादा एक्टिवली कर पायें। इसके लिये आपकों आपकी बॉडी की जो मैन 5 कम्पाउंड हैं उन पर ध्यान देना बहुत जरूरी हैं।           तो यह फिटनेस के 5 कम्पाउंड कोनसे होते हैं। (1) ह्रदय कि मजबूती (CARDIO VASCULAR ENDURANCE) -                                आसान शब्दों में हमारी देनीक ऐक्टिविटी जैसे- चलना, सीढीयां चढ़ना, किसी काम के लिएँ भाग- दोढ करना आदि। इन सब काम में हमें बहुत अच्छा स्टेमीना लगता हैं। तो यह स्टेमीना हम पा सकते है रेगुलर एरोबिक ट्रेनिंग से जैसे की- तेज चलना,स्पॉट जोगिंन, रनिंग और स्विमिंग। (2) मांसपेसीयो कि शक्ति (MUSCULAR STRENGTH) -                           दिन भर में हम जो भी काम- काज करते हैं। भारी चीजें ऊठाना, धकेलना या खिचना आदी। इन सब कार्यो में हम जो मांसपेशीयो कि ताकत लगती है तो वो ताकत हम रेगुलर वेट ट्रेनिंग या बॉडी